अब तो पवित्र इश्क को भी यहां लोगो ने, पाकीज़ा नहीं रखा जिस्मानी खेल बना दिया है। अब तो पवित्र इश्क को भी यहां लोगो ने, पाकीज़ा नहीं रखा जिस्मानी खेल बना दिया ...
वो मेरी आंखों में देखकर मुझे से लिपट रही थी, मुझ से लिपट कर किसी और के यादों में सिमट वो मेरी आंखों में देखकर मुझे से लिपट रही थी, मुझ से लिपट कर किसी और के यादों ...
खेल को खेल जानकर खेलती हुई कविता , खोलती,टटोलती हर दम खेल खेलती जिंदगी .... हम खेल खेलते हैं .......... खेल को खेल जानकर खेलती हुई कविता , खोलती,टटोलती हर दम खेल खेलती जिंदगी .... हम ख...
मदारी का खेल मदारी का खेल
शतरंज की बाज़ी है लगी, ख़ुशियाँ आगे बढ़ रही हैं, मुश्किलें भी चालें चल रही हैं। शतरंज की बाज़ी है लगी, ख़ुशियाँ आगे बढ़ रही हैं, मुश्किलें भी चालें चल रही...